असंगठित क्षेत्र पर कोविड-19 संकट का प्रभाव: दिल्ली में असंगठित कामगार

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WIEGO
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WIEGO.2020. कोविड-19 संकट और असंघठित क्षेत्र। दिल्ली, भारत

कोविड-19 संकट और अनौपचारिक अर्थव्यवस्था, ‘वुमेन इन इन्फ़ॉर्मल एम्प्लॉयमेंट: ग्लोबलाइज़िंग एंड ऑर्गनायज़िंग’ (WIEGO) के नेतृत्व में की गई, बारह शहरों की एक लोंगिट्यूडनल स्टडी है. यह असंगठित कामगारों के विशिष्ट समूहों और उनके परिवारों पर, कोविड-19 संकट के प्रभावों का आकलन करती है. पहले राउंड में फरवरी 2020 (कोविड​​-19 से पूर्व) से परिस्थितियों की तुलना करते हुए विशेषकर दो अवधियों का डेटा एकत्र किया गया. पहला, अप्रैल 2020 (जब अधिकांश शहरों में प्रतिबंध सबसे उच्च स्तर पर थे) और दूसरा जून/जुलाई 2020 (जब अधिकांश शहरों में प्रतिबंधों को कम कर दिया गया था). इस डेटा को एकत्र करने के दौरान सर्वेक्षण प्रश्नावली और गहन साक्षात्कारों का उपयोग करते हुए कोविड-19 संकट के प्रभावों का आकलन किया गया. दूसरें राउंड में यह अध्ययन किया जाएगा कि कोवि-19 से पूर्व और पहले राउंड की तुलना में 2021 की पहली छमाही में क्या अंतर आया है. इसमें कोविड-19 के निरंतर पड़ते प्रभावों के मुकाबले रिकवरी के संकेतों का आकलन किया जाएगा.

यह रिपोर्ट दिल्ली में किए गए पहले राउंड के अध्ययन का सारांश प्रस्तुत करती है. दिल्ली में शोधकर्ताओं ने चार क्षेत्रों के 270 असंगठित कामगारों का सर्वेक्षण किया: घर खाता कामगार, कचरा कामगार, फुटपाथ विक्रेता और घरेलू कामगार. यह अध्ययन सेवा (SEWA) दिल्ली, जनपहल, और दिल्ली राउंडटेबल ऑन ॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (DRT) के साथ साझेदारी में किया गया है.

 

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